आज के समय में युवा सरकारी नौकरी की बजाय बिजनेस में हाथ आजमा रहे हैं। आज हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपनी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर वह मुकाम हासिल कर लिया जो बहुत ही कम लोग हासिल कर पाते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स से की Btech की पढाई
अनूप अग्रवाल 10वीं-12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने पिता के होलसेल बिजनेस में जुट गए। हालांकि वह पुणे यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करना चाहते थे लेकिन उन्हें दाखिला नहीं मिला। उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग से अनूप ने बीटेक की पढ़ाई पूरी की।
बीटेक के बाद वह IIM से एमबीए करना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उसके बाद उन्होंने हैदराबाद के कॉलेज से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान उन्हें स्कॉलरशिप मिल गई और एमबीए के बाद इन्वेंट बैंकिंग में करियर बनाने की सोची।
2007 में मिली बढ़िया सैलरी की जॉब
साल 2007 में उन्हें स्विट्जरलैंड की एक कंपनी के मुंबई ऑफिस में नौकरी भी मिल गई. कुछ समय उन्होंने कोटक इन्वेस्टमेंट बैंक में भी जॉब की लेकिन उन्हें समझ आ गया था कि वह अब सिर्फ नौकरी तक ही रह सीमित नहीं रहेंगे बल्कि किसी अपने काम में हाथ आजमाएंगे.
साल 2017 में उन्हें जब कंपनी द्वारा 50 लाख सालाना का पैकेज दिया जा रहा था, फिर भी उन्होंने अपना काम शुरू करने के लिए उस नौकरी को भी छोड़ दिया और अपने दोस्त अनुराग मिश्रा के साथ फूड इंडस्ट्री व कैटरिंग के बिजनेस में कदम रख दिया. दोनों ने मिलकर ‘कैटर इंडिया’ कंपनी की शुरुआत कर डाली.
अपनाया इस बिज़नेस मॉडल को
अनूप का कहना है कि भारतीय परिवारों में फंक्शंस होते हैं जहां लाखों रुपये खर्च होते हैं। इसी कांसेप्ट को मैनें अपने बिजनेस के लिए चुन लिया। आज उनकी कंपनी caterninja भारत का पहला और अनोखा डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसमें कैटरिंग एज ए सर्विस उपलब्ध करवाई जाती है।
हालांकि शुरुआती दौर में उन्हें फंड के लिए भी काफी परेशानी हुई, लेकिन साल 2020 में टाटा कैपिटल ने उनकी कंपनी में 60 लाख रुपये इनवेस्ट करे। परेशानियां फिर भी कम नहीं हुई और अगले ही साल लॉकडाउन लग गया, जिससे उनका बिजनेस बिल्कुल थम सा गया।
अब दे रहे औरों को भी रोजगार
साल 2021 में 10 आर्डर प्रतिदिन से उन्होंने फिर से अपना काम शुरु किया। आज दिल्ली-NCR, मुंबई, पुणे , हैदराबाद और चेन्नई में उनकी कंपनी हजारों ऑर्डर्स की डिलीवरी दे रही है। वह खुद आज एक सफल बिजनेसमैन के तौर पर तो जाने ही जाते हैं, साथ ही वह बाकी लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं।
उनका मानना है कि नौकरी ही अब सब कुछ नहीं है, अगर कोई करना चाहे तो आज के समय में करने के लिए बहुत सारे काम हैं।