हरियाणा में 20 शहरों का AQI 300 पार

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हिसार।

हरियाणा में सुबह -शाम के समय ठंड पड़नी शुरू हो गई है। प्रदेश में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री के आसपास तक पहुंच रहा है। वहीं अधिकतम तापमान 32 से 34 डिग्री तक पहुंच रहा है। हिसार प्रदेश में सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार हो गया है। सुबह 3 बजे से AQI 500 तक बना हुआ है। इसी तरह जींद में AQI 400 से ऊपर चला गया है। दोनों स्थानों के आसपास कल सबसे ज्यादा पराली के केस दर्ज किए गए।

हरियाणा के 20 शहरों में AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया है। रविवार को पराली जलाने के 19 नए केस मिले हैं। इनको मिलाकर कुल आंकड़ा 857 पर पहुंच गया है। शुक्रवार को पराली जलाने के कुल 35 केस मिले थे।

वहीं पंजाब को रविवार प्रदूषण से हल्की राहत मिली। चंडीगढ़ और अमृतसर को छोड़कर सभी शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 200 से नीचे आ गया। चंडीगढ़ सहित पंजाब के शहरों में नवंबर महीने में ठंड का असर देखने को नहीं मिलेगा। अमृतसर का एक्यूआई 263 और चंडीगढ़ का 223 बना हुआ है। यानी कि दोनों ही शहर अभी भी ओरेंज कैटेगरी में हैं।

दिल्ली में प्रदूषण और पराली जलाने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। जस्टिस अभय ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह सुनवाई कर रहे हैं। पिछली सुनवाई में पंजाब सरकार को गलत जानकारी और हरियाणा सरकार को असंतुष्ट जवाब देने के लिए फटकार लगाई गई थी।

3 जिलों के 9 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पंजाब सरकार ने सुनवाई से पहले तीन जिलों के 9 अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू कर दी है। ये अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में असफल रहे हैं। इन नौ अधिकारियों के खिलाफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) एक्ट, 2021 की धारा 14(2) के तहत अभियोजन की प्रक्रिया शुरू की गई है।

हिमाचल प्रदेश के 5 शहरों की वायु गुणवत्ता खराब हिमाचल प्रदेश के 5 शहरों में AQI का स्तर 100 माइक्रोग्राम को पार कर गया है। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी की वायु गुणवत्ता राज्य में सबसे प्रदूषित हो गई है। बद्दी का AQI स्तर 157 माइक्रो ग्राम, परवाणू 107, ऊना 129, बरोटीवाला 107 और नालागढ़ 101 माइक्रोग्राम तक पहुंच गया है। राज्य के अन्य सभी शहरों की वायु गुणवत्ता साफ है।

दिवाली के बाद से ही प्रदूषण बिगड़ा हरियाणा के कई जिलों में स्मॉग का स्तर एक बार फिर से बढ़ गया है। हवा में नमी और दिवाली पर जमकर की गई, आतिशबाजी को इसका कारण माना जा रहा है। इस बार 2 बार दिवाली का पर्व मनाया गया। 2 दिन आतिशबाजी से जहरीली गैस वातावरण में फैल गई और ऊपर से पराली केस बढ़ने से प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। स्मॉग से दृश्यता भी कम हो गई है, जिससे वाहन चालकों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।

पराली जलाने के 857 केस मिले प्रदेशभर में रविवार को पराली जलाने के 19 नए केस मिले हैं। इनको मिलाकर कुल आंकड़ा 857 पर पहुंच गया है। अगर शुक्रवार की बात करें तो पराली जलाने के कुल 35 केस मिले थे। कुछ ऐसे जिले में भी पराली जली है, जहां पहले जीरो केस आ रहे थे।

फतेहाबाद, सिरसा और कैथल में अधिक पराली जलाई गई है। जींद, सिरसा और फतेहाबाद जिले में 4 व 5 केस मिले हैं, और सोनीपत व पंचकूला में दो-दो और करनाल में एक केस मिला है। अगर पिछले साल 2023 की बात करें, तो उस समय 3 नवंबर तक 1372 केस मिले थे और इस बार अब तक 857 केस मिले हैं।

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