हरियाणा में अब इंजरी यानी चोट के कारण खिलाड़ियों का करियर खत्म नहीं होगा। खिलाड़ियों को चोट से उबारने के लिए सरकार एक्सरसाइज प्लान बनाने जा रही है। हर खिलाड़ी का नंबर आ सके इसके लिए मॉर्निंग-इवनिंग का टाईम टेबल भी बनाया जाएगा। प्रदेश का पहला चोट स्वास्थ्य लाभ केंद्र पंचकूला में बनाया गया है। इस केंद्र के तहत सूबे के 6 जिले आते हैं।
पंचकूला के इसी स्पोर्ट्स इंजरी पुनर्वास केंद्र में हर खेल के अनुसार एक्सरसाइज प्लान बन रहा है। इसमें हर खिलाड़ी के प्रदर्शन को माइक्रो लेवल पर दर्ज किया जाएगा। प्रदर्शन में कैसे सुधार किया जाए, इससे जुड़ी सलाह भी दी जाएगी।
क्या बोले खेल मंत्री संदीप सिंह
राज्य मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि इस फैसले से सूबे के खिलाड़ियों को चोट से बाहर निकालने में काफी मदद मिलेगी। इसमें फिजीशियन खिलाड़ियों की मदद करेंगे। खेल के दौरान अलग-अलग तरह की चोटें लगती हैं, जिनमें कुछ चोट ऑपरेशन से ठीक हो जाती हैं, वहीं मसल खराब होने या माइनर फ्रैक्चर होने पर चोट स्वास्थ्य लाभ केंद्र में फिजियो की मदद लेनी पड़ती है। हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम व प्रदेश के कुछ अन्य जिलों में भी नेशनल लेवल के साइंटिफिक प्रशिक्षण और पुनर्वास केंद्र बनाने का लक्ष्य लिया है।
हरियाणा के लिए यह क्यों जरूरी
देश की आबादी में हरियाणा की हिस्सेदारी 2 प्रतिशत है। हाल ही संपन्न हुए ओलिंपिक की बात करें 127 खिलाड़ियों के दल में हरियाणा के 24 प्रतिशत यानी 30 खिलाड़ी थे। देशों की मेडल टेली के हिसाब से अकेले हरियाणा 66वें स्थान पर रहा है। ओलिंपिक में देश के खिलाड़ियों का स्ट्राइक रेट 5.5 फीसदी है, जबकि हरियाणा का स्ट्राइक रेट करीब 10 प्रतिशत है।
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