चंडीगढ़।
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा BJP में घमासान मचा हुआ है। इसे थामने के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कमान अपने हाथों में ले ली है। शुक्रवार को नायब सैनी ने चंडीगढ़ के संत कबीर कुटीर में सभी जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई।
इस बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रत्याशियों की ओर से दिए गए फीडबैक पर चर्चा की। इस बैठक में सबकी नजर 5 जिलाध्यक्षों पर रही। इन जिला अध्यक्षों में सिरसा, फतेहाबाद, जींद, हिसार के जिला अध्यक्ष शामिल हैं। इन जिलाध्यक्षों पर लोकसभा उम्मीदवारों ने अलग-अलग तरह के आरोप लगाए थे। किसी पर पैसे की हेराफेरी के आरोप थे तो किसी पर काम न करने और चुनाव में विरोधियों की मदद करने जैसे आरोप लगाए गए थे। हालांकि, मीटिंग में मुख्यमंत्री ने जिलाध्यक्षों को कुछ नहीं कहा, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि 4 जून रिजल्ट के बाद इन जिलाध्यक्षों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। सिरसा, फतेहाबाद, जींद और हिसार के अलावा एक और जिलाध्यक्ष का नाम भी इसमें शामिल है।
26 मई को पंचकूला में मीटिंग के दौरान सोनीपत से भाजपा प्रत्याशी ने जींद जिलाध्यक्ष राजू मोर, हिसार से भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला ने आशा खेदड़, सिरसा से प्रत्याशी अशोक तंवर ने सिरसा और फतेहाबाद के जिलाध्यक्ष की शिकायत दी थी। जिसमें पैसे गबन से लेकर, निष्क्रियता, विरोधियों की मदद करना और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने जैसे आरोप लगे थे। हालांकि मुख्यमंत्री तक यह शिकायतें पहले भी आ रही थी मगर जब फीडबैक मीटिंग में भाजपा प्रत्याशी लिखित में शिकायत देने को भी तैयार हो गए तो नायब सैनी ने जल्द ही इन अध्यक्षों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
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