जींद।
हरियाणा में कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने बेटे बृजेंद्र सिंह की हिसार से टिकट काट दी। इसको लेकर 28 अप्रैल(रविवार) को उन्होंने मीटिंग बुलाई है। इससे पहले बीरेंद्र सिंह ने खुलकर टिकट कटने को लेकर बातचीत की।
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने क्या क्राइटेरिया रख टिकट बांटे, यह पार्टी हाईकमान ही जाने। हिसार से कांग्रेस कैंडिडेट जयप्रकाश की मजबूती के सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछली बार सब भाजपा उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के नाम पर जीते थे। इस बार हरियाणा का माहौल कांग्रेस के पक्ष में है। जयप्रकाश के प्रचार और वोट मांगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई मदद मांगेगा तो जरूर जाऊंगा और कांग्रेस के लिए वोट मागूंगा।
बीरेंद्र सिंह और उनके बेटे बृजेंद्र सिंह 2 महीने के भीतर ही भाजपा छोड़ कांग्रेस में आए। इसके बाद उनकी हिसार और सोनीपत से टिकट की दावेदारी थी लेकिन कांग्रेस ने झटका देते हुए उन्होंने टिकट नहीं दी।
बीरेंद्र सिंह ने कहा- ये फैसला कांग्रेस अध्यक्ष ने लिया है। सभी पहलुओं पर विचार करके लिया होगा। मैं समझता हूं कि सभी 9 ही कर देनी थी, 9वीं (गुरुग्राम) भी नहीं रखनी थी। पहले 3 और फिर 4 फाइनल होने की बात आई लेकिन अब 8 की ही टिकट घोषित हुई है। बीरेंद्र सिंह से पूछा गया कि बृजेंद्र हिसार से टिकट के दावेदार थे। उन्होंने खुद भी हिसार और सोनीपत से टिकट की बात कही थी, फिर भी बात कहां रह गई?।
इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ये भी बात आ रही है कि कांग्रेस में जाने को लेकर कोई कमिटमेंट हुई या नहीं। ये छोटे स्तर की बातें हैं कि मैं लिखकर दूंगा कि मैं कांग्रेस में शामिल हो जाऊंगा और आप टिकट दोगे? या कांग्रेस कहे की आप शामिल हो जाओ, टिकट दे देंगे। मेरा राजनीतिक जीवन ये कहता है कि इन चीजों की जरूरत नहीं है।
बीरेंद्र सिंह ने कहा कि हमने रूलिंग पार्टी BJP को छोड़ा, जो अब भी 370+ सीटों की बात कह रही है। बृजेंद्र सिंह कांग्रेस की विचारधारा की वजह से आए क्योंकि भाजपा में विचारधारा मेल नहीं खा रही थी। बृजेंद्र का कांग्रेस में आना ही महत्वपूर्ण था। उनको टिकट नहीं मिला। राजनीतिक जीवन में ये भी देखना होता है। उसके कारण भी कई होते हैं। जो भी निर्णय है, वह पार्टी हाईकमान का है। उन्होंने किस क्राइटेरिया को सामने रख निर्णय लिए हैं।
बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर कहा कि मैं 10 साल बाद कांग्रेस में आया हूं। तब और अब की कांग्रेस में वह बातें हैं, जो मैं सोचता हूं लेकिन विचारधारा के तौर पर मैं कांग्रेस में खुद को ठीक मानता हूं। कांग्रेस विचारों की अभिव्यक्ति के लिए उचित जगह है। जहां पार्टी के अंदर और बाहर अपने विचार रख सकते हैं।
आज हरियाणा में पिछले डेढ़ महीने से साधारण मतदाता भाजपा से पीछे हट रहा है। भाजपा से पीछे हटने का मतलब यह है कि उसकी दूसरी पसंद कांग्रेस होगी। इसलिए वह कांग्रेस की तरफ अपना मन बना रहा है। इसलिए कैंडिडेट कोई भी हो, उससे फर्क नहीं पड़ता।
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