प्रदेश में पुजारी, पुरोहित कल्याण बोर्ड का होगा गठन-मुख्यमंत्री मनोहर लाल

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करनाल।
हरियाणा में पहली बार भगवान परशुराम महाकुंभ का राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कर्ण की नगरी करनाल में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। मनोहर लाल ने भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर राजपत्रित अवकाश की घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने कैथल में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम भगवान परशुराम के नाम पर रखने की भी घोषणा की।
उन्होंने प्रदेश में पुजारी, पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा की, ताकि उन्हें एक निश्चित न्यूनतम आय प्राप्त हो सके। इसके लिए पुजारी, पुरोहित का कुशल वर्कफोर्स के हिसाब से न्यूनतम वेज रेट तय किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि पहरावर जमीन का मामले का समाधान किया गया है। पहरावर जमीन गौड़ ब्राहम्ण कॉलेज को ही मिलेगी। इस कॉलेज के लिए वर्ष 2022 से 2055 तक 33 सालों के लिए नये सिरे से लीज की जाएगी और लीज का रेट नियमानुसार होगा। पहले यह लीज वर्ष 2009 से 2042 तक थी। इसके अलावा, पिछले पैसे को माफ करने की भी घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के जुर्माना व पैनल्टी के पैसे का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
उन्होंने गौड़ ब्राह्मण आयुर्वेद कॉलेज में 100 बीएमएस सीटें मंजूर करने की घोषणा की। इसके अलावा, 7 विषयों में पांच-पांच यानी एमडी-एमएस कोर्स की कुल 35 सीटों की भी मंजूर करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम के नाम पर डाक टिकट भी जारी किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा जाएगा।
मनोहर लाल ने ईबीपीजी विषय पर कहा कि सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए हरियाणा सरकार ने 10 प्रतिशत आरक्षण देने की नीति बनाई थी, जिसके बाद में केंद्र सरकार ने नये नाम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गाों के लिए देशभर में 10 प्रतिशत आरक्षण की नीति लागू की। बाद में हरियाणा ने भी केंद्र सरकार की इसी नीति को अपना लिया। इस दौरान ईबीपीजी नीति के तहत हुई भर्तियों में कोर्ट में मामला गया, तो कोर्ट ने निर्णय दिया कि केंद्र सरकार की ईडब्ल्यूएस नीति के तहत भर्ती की जाएगी। इस कारण से लगभग 400-500 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र नहीं मिल पाए थे। हरियाणा सरकार इस मामले में हाईकोर्ट में पुरजोर पैरवी कर रही है और हमारा प्रयास है कि उन उम्मीदवारों को जल्द नियुक्ति पत्र मिल जाए।
मुख्यमंत्री ने धौलीदारों की जमीन के मामले में कहा कि जब धौलीदार काननू बना था, उस समय कानून बनाते समय अधिक ध्यान नहीं दिया गया। इसके तहत दो प्रकार की जमीनें धौलीदारों को दान में दी गई। एक तो निजी जमीनें तथा दूसरी सरकारी, पंचायती जमीनें हैं। हरियाणा सरकार ने कानून में संशोधन किया है और लगभग 1700 एकड़ निजी जमीनों को छोड़ दिया गया है और वह जमीन धौलीदारों को मिल गई है। इसके अलावा, पंचायती जमीन यदि मकान बनाने या खेती करने के लिए धौलीदार को दी गई थी, तो इस जमीन को छोड़ने के लिए भी कानून में प्रावधान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने करनाल में फुव्वारा चौक का नाम भाई मती दास-सती दास छिब्बर के नाम पर रखने की भी घोषणा की। इसके अलावा, पुराने परशुराम चौक का सौंदर्यकरण करने तथा इस परशुराम चौक से गांधी चौक तक के मार्ग का नाम भगवान परशुराम मार्ग रखने की भी घोषणा की। इसी प्रकार, शहर के किसी पार्क में भगवान परशुराम की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी।
मनोहर लाल ने धर्मशालाओं के लिए कुल 31 लाख रुपये देने की भी घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने भगवान परशुराम सेवा सदन के लिए 2000 वर्ग गज प्लॉट देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी अगर संस्थाएं प्लॉट के लिए आवेदन करेंगी तो उन्हें नियमानुसार प्लॉट दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने महार्षी दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक में आचार्य चाणक्य के नाम पर चेयर स्थापित करने की भी घोषणा की, ताकि उनके जीवन व कार्यों पर शोध हो सके। उन्होंने कार्यक्रम में आए हुए सर्व समाज के लोगों से आह्वान किया कि समाज वे देश की प्रगति तथा उन्नति के लिए सबको सरकार के साथ मिलकर चलना होगा, तभी सुखी समाज का निर्माण होगा।
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