बीजेपी-जेजेपी सरकार हर मोर्चे पर विफल, उसी तरह इसका विधानसभा सत्र भी रहा विफल- हुड्डा
सड़क पर भी उठाएंगे जनता के मुद्दे, सरकार को जवाब देने के लिए कर देंगे मजबूर- हुड्डा
न युवाओं को रोजगार व न्याय दे पा रही है सरकार, न किसानों को एमएसपी व मुआवजा- हुड्डा
न बुजुर्गों को पेंशन देने में सक्षम है सरकार, न कोरोना मृतकों के परिजनों को आर्थिक मदद- हुड्डा
26 दिसबंर को नूंह में होगा ‘विपक्ष आपके समक्ष’ का अगला कार्यक्रम – हुड्डा
Bhiwani Halchal 22 दिसंबर, चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में सरकार ने विपक्ष के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दिया। विपक्ष के सवालों से सरकार भागती हुई नजर आई। कांग्रेस की तरफ से भर्ती घोटाले, बेरोजगारी, खाद की किल्लत, एमएसपी की गारंटी, फसल रजिस्ट्रेशन, जलभराव, सड़कों की जर्जर हालत, महंगाई, नंबरदारों की नियुक्ति, ओबीसी आरक्षण से छेड़छाड़, कोरोना को लेकर तैयारी और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी समेत अलग-अलग मुद्दों पर 17 स्थगन और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए गए थे। लेकिन इनमें से सिर्फ 5 को ही मंजूर किया गया। इसके अलावा, सरकार से प्रश्नकाल के दौरान जनहित से जुड़े दर्जनों सवाल भी पूछे गए। लेकिन, ज्यादातर प्रस्तावों और सवालों पर सरकार की तरफ से जनता को गुमराह करने वाला जवाब दिया गया। जिस तरह बीजेपी-जेजेपी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है, उसी तरह इसका विधानसभा सत्र भी विफल रहा है।
हुड्डा ने कहा कि आज जनता जिन परेशानियों का सामना कर रही है, उसके प्रमाण सार्वजनिक हैं। लेकिन, सरकार सदन में इस तरह पेश आई मानो ना प्रदेश में कोई भर्ती घोटाला हो रहा है, ना युवा बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं, ना किसानों के लिए यूरिया की कोई कमी है, ना डीएपी की कोई किल्लत, ना कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लोगों को हॉस्पिटल बेड की कमी पेश आई, ना ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत हुई, ना खस्ताहाल कानून व्यवस्था कोई मुद्दा है और ना ही शिक्षा का गिरता स्तर।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि विधानसभा सत्र के दौरान हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन, मूक-बधिर खेल एसोसिएशन, वोकेशनल टीचर्स एसोसिएशन, नगर पालिका कर्मचारी, नगर पालिका सफाई कर्मचारी एसोसिएशन, नंबरदार एसोसिएशन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायक संघ, अतिथि अध्यापक संघ, ओबीसी कम्युनिटी एसोसिएशन, हार्टरोन कर्मचारी, आढ़ती और व्यापारी एसोसिएशन, फल-सब्जी एसोसिएशन, राइस मिल्स एसोसिएशन, संयुक्त निर्माण मजदूर मंच, हरियाणा एम्पलाइज एंड फ्रेंड्स कोऑपरेटिव, एक्स सर्विसमैन एसोसिएशन, पंप डीलर डेलिगेशन समेत अलग-अलग संगठनों के लोग अपनी समस्याएं लेकर उनसे मिले। इनके अलावा ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम में बड़ी तादाद में पहुंचे लोगों ने अपनी समस्याएं और मुद्दों को रखा। कांग्रेस ने विधानसभा सत्र के दौरान सभी मुद्दों एवं समस्याओं को उठाने की कोशिश की और सरकार से इनकी मांगें मानने व समस्याओं का समाधान करने की अपील की। इतना ही नहीं, भविष्य में भी लोगों की मांगों को हर मंच पर उठाया जाएगा और कांग्रेस तमाम संगठनों व आम जन की जायज मांगों को मानने के लिए सरकार को मजबूर कर देगी।
उन्होंने बताया कि जनता की समस्याओं को सुनने और उसे आवाज देने के लिए शुरू किया गया ‘विपक्ष आपके समक्ष’ कार्यक्रम का अगला पड़ाव नूंह है। 26 दिसंबर को नूंह में ‘विपक्ष आपके समक्ष’ का अगला कार्यक्रम होगा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीएसी की मीटिंग में आश्वासन दिया था कि जरूरत पड़ने पर सत्र की अवधि को और बढ़ा दिया जाएगा। लेकिन, अब ऐसा करने से इंकार किया जा रहा है। भर्ती घोटाले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से करवाने, एमएसीपी की गारंटी का प्रस्ताव पास करके केंद्र सरकार को भेजने, शराब, रजिस्ट्री और धान खरीद घोटाले की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने जैसी विपक्ष की तमाम मांगों को सरकार द्वारा नहीं माना गया।
हुड्डा ने कहा कि सरकार बुजुर्गों की पेंशन और पिछड़े वर्ग के आरक्षण के साथ छेड़छाड़ कर रही है। विपक्ष की तरफ से इस पर कड़ी आपत्ति जताई गई, लेकिन सरकार ने उसे अनदेखा कर दिया। पेंशन व आरक्षण जैसे मानदंडों में कोई भी फेरबदल करने से पहले सरकार को संबंधित वर्गों से बातचीत करनी चाहिए। उनसे संवाद किए बिना एकतरफा फैसला लेना न्यायसंगत नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार की अनदेखी के चलते आज स्वास्थ्य महकमे में करीब 10 हजार, शिक्षा विभाग में 40 हजार पद खाली पड़े हुए हैं। रोडवेज विभाग की यह स्थिति है कि कांग्रेस कार्यकाल में बसों की संख्या 4500 थी, जो अब घटकर 3000 रह गई है। सरकार द्वारा न नयी बसें खरीदी जा रही हैं, न खाली पदों को भरा जा रहा है। यही वजह है कि हरियाणा देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है। यह सरकार ना युवाओं को रोजगार दे पा रही और ना ही न्याय। सरकार ना किसानों को एमएसपी दे पा रही है और ना फसल का नुकसान होने पर मुआवजा। सरकार ना बुजुर्गों को पेंशन देने में सक्षम है और ना ही कोरोना मृतकों के परिवारों को आर्थिक मदद। यही वजह है कि आज हर वर्ग इस सरकार से परेशान और निराश हो चुका है।