ओलावृष्टि से फसलों में हुए नुकसान की भरपाई सरकार करेगी: कृषि मंत्री जेपी दलाल

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भिवानी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को ऑनलाईन माध्यम से जिले को करीब साढ़े 41 करोड़ रुपए की 22 परियोजनाओं की सौगात दी। इनमें 20 अमृत सरोवरों व गांव बाबरवास के प्ले स्कूल का उद्घाटन तथा गांव कुड़ल में 30 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले राजकीय कॉलेज का शिलान्यास शामिल रहा। इनके अलावा गांव बुद्घशैली में करीब छह करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाले 33 केवी सब स्टेशन का शिलान्यास भी किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए तथा अध्यक्षता सांसद धर्मबीर सिंह ने की। भिवानी से विधायक घनश्याम सर्राफ विशिष्टï अतिथि के रूप में शामिल हुए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पंचकुला कार्यक्रम का पंचायत भवन में लाईव प्रसारण दिखाया गया। कार्यक्रम में ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक डॉ. जेके आभीर, उपायुक्त नरेश नरवाल, अतिरिक्त उपायुक्त हर्षित कुमार के अलावा जिला परिषद की चेयरपर्सन अनीता मलिक व भाजपा जिलाध्यक्ष मुकेश गौड़ मौजूद रहे।
उद्घघाटन एवं शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि एवं पशुपालन मंत्री दलाल ने कहा कि हाल ही में ओलावृष्टिï से फसलों में हुए नुकसान को लेकर किसानों को किसी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है। फसलों में हुए नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। फसल में हुए नुकसान को किसान द्वारा क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करना होगा, जिसकी अंतिम तारीख 15 मार्च है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में समान रूप से विकास कार्य करवा रही है। प्रदेश का ऐसा कोई कौना नहीं है, जहां विकास कार्य नहीं चल रहे हों। दलाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा हर वर्ग के हित के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं। इसके साथ-साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। प्रदेश में 14 फसलें एमएसपी पर हैं। फसल का पैसा सीधे किसान के खाते में जा रहा है। मंडियों में सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। हाथों-हाथ किसान की फसल खरीदी जा रही है। इसके अलावा पशुपालन और मच्छली पालन को बढावा दिया जा रहा है। पशुधन को सुरक्षित रखने के लिए पशुधन क्रेडिट कार्ड बनाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश का विकास तेज गति से हो रहा है। आने वाले समय में लोहारू हलका के सिवानी इलाके के अलावा तोशाम व बवानीखेड़ा क्षेत्र के डार्क जोन में पानी की समस्या नहीं रहेगी। इसके लिए ताजेवाला हैड से पाईप लाईन से माध्यम से नहरी पानी लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के साथ लगते राजस्थान के जिला चुरू, सीकर और झुंझनू में पेयजल की किल्लत दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की। योजनानुसार हरियाणा में नहरों की सुधारीकरण के पश्चात नहरी पानी जब 18000 क्यूसिक से बढक़र 24000 हजार क्यूसिक हो जाएगा, तब इन जिलों को हरियाणा द्वारा ताजेवाला हैड से तीन बड़ी पाइप लाईन के माध्यम से पानी मुहैया करवाया जाएगा। इसी के साथ ही जिला भिवानी के लिए भी एक पाइप लाईन अलग से डाली जाएगी, जिससे विशेषकर बवानीखेड़ा, तोशाम और सिवानी क्षेत्र में पानी की किल्लत दूर होगी।

पानी को 100 से 200 एकड़ में बड़ी लेक बनाकर स्टोर किया जाएगा। इस पर करीब 10 से 15 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगा।
सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में केंद्र व प्रदेश सरकार योजनाबद्घ ढंग से विकास कार्य कर रही है। इसके लिए नीतियां बनाई जा रही हैं। परिणाम स्वरूप प्रदेश में महिला शिक्षा के लिए हर 20 कि.मी. पर कॉलेज का निर्माण करवाया जा रहा है। हर जिला में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। इसी प्रकार से रेल और सडक़ यातायात को सुगम किया जा रहा है। सडक़ों व रेलवे लाईन का जाल बिछाकर कनेक्टिवीटी को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यस्था बहुत तेजी से बढ़ रही है। पिछले दस सालों में भारत सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत देश और अधिक सशक्त होगा। वह दिन दूर नहीं जब भारत पूर्णरूप से विकसित होगा।  मोदी के नेतृत्व में देश के युवाओं, किसानों, महिलाओं का भविष्य उज्जवल है। उन्होंने कहा कि देश को विकसित बनाने में सभी का योगदान जरूरी है।
जिला को मिल इन परियोजनाओं की सौगात
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऑनलाईन माध्यम से जिला को कुल करीब साढ़े 42 करोड़ रुपए की लागत की 22 परियोजनाओं की सौगात दी है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा ऑनलाईन माध्यम से गांव कुड़ल में राजकीय कॉलेज की आधारशीला रखी, जिस 30 करोड़ रूपए की लागत आएगी। इसी प्रकार से अमृत सरोवर योजना के तहत 20 गांवों में लगभग 1148.29 लाख रूपए की लागत से तैयार तालाबों का उद्घाट्न किया। अमृत सरोवर योजना के तहत तैयार हुए गांव सुरपुरा कलां के जोगीवाला तालाब पर 184.08 लाख रूपए, गांव तोशाम के तालाब पर 158.73 लाख रूपए, गांव चहड़ कलां के तालाब पर  116.53  लाख रूपए, गांव खरक कलां के तालाब पर 92.60 लाख रूपए, गांव भैणी जाटान के तालाब पर  60.67 लाख रूपए, गांव बलियाली के तालाब पर 56.84 लाख रूपए, गांव बहल की ढ़ाणी के तालाब पर 51.97 लाख रूपए, गांव बामला द्घितीय के तालाब पर 50.96 लाख रूपए, गांव खापड़वास के तालाब पर 45.26 लाख रूपए और 43.56 लाख रूपए लागत से तैयार गांव बामला द्घितीय के तालाब का उद्घाटन किया।
इसी प्रकार से गांव तोशाम के तालाब पर 37.80 लाख रूपए, गांव झांझड़ा श्योराण के तालाब पर 34.27 लाख रूपए, गांव पटौदी खुर्द-प्रेम गिरी के तालाब पर 33.49  लाख रूपए, गांव चहड़ कला के तालाब पर 32.15 लाख रूपए, गांव ढ़ाणी दरियापुर के तालाब पर 30.51 लाख रूपए, गांव ढ़ाणी दरियापुर का दूसरा तालाब पर 29.23  लाख रूपए, गांव देवसर के तालाब पर 28.62 लाख रूपए, गांव खानक के तालाब पर 24.10  लाख रूपए, गांव चहड़ कलां के तालाब पर 20.63 लाख रूपए, गांव बामला प्रथम के तालाब पर 16.29 लाख रूपए खर्च हुए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल कैरू ब्लॉक के गांव बाबरवास में महिला एवं बाल विकास विभाग के एक लाख रूपए की लागत से तैयार प्ले स्कूल का उद्घाटन किया।  इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री दलाल ने गाव बुद्घशैली में करीब छह करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 33 केवी बिजली घर सब स्टेशन का शिलान्यास किया।
डीपी वत्स द्वारा स्वीकृत 11 गावों को वितरित किए पानी के टैंकर
कार्यक्रम के दौरान पूर्व राज्यसभा सांसद जनरल डीपी वत्स द्वारा स्वीकृत किए गए 11 गांवों को पानी के टैंकर भी भेंट किए गए, इन गांवों में गांव खरक खांडियान पाना, ढाणी लक्षमणपुरा, चहड़ खुर्द, सिरसी, गोलागढ़, चंदावास, झांझड़ा श्योराण, कुड़ल, ढाणी श्यामा, ढिगावा जाटान व फरटिया ताल शामिल हैं। इस दौरान डीपी वत्स के दामाद प्रदेश सुशासन सह संयोजक नागेंद्र कौशिक भी मौजूद रहे।
ओलावृष्टिï से प्रभावित फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करवाएं, अंतिम तारीख 15 मार्च
कार्यक्रम के दौरान गांव नीमड़ीवाली, मानहेरू, मध-माधवी, गौरीपुर के किसान कृषि मंत्री दलाल से मिले और पिछले दिनों ओलावृष्टिï से विशेषकर सरसों की फसल में हुए नुकसान की भरपाई की मांग की। कृषि मंत्री ने बताया कि फसलों में हुए नुकसान को क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके लिए अंतिम तारीख 15 मार्च है। किसान को अपने नुकसान को स्वयं दर्शाना होगा। उसके बाद विभाग द्वारा उसकी वेरीफिकेशन की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान को नुकसान की भरपाई की चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार नुकसान की भरपाई करेगी।

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