चंडीगढ़।
हरियाणा में फिर से ट्रिब्यूटरी नदी दिखाई देगी। यह नदी गुरुग्राम में साहिबी नदी की सहायक नदी के रूप में जानी जाती है। हरियाणा हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस प्रोजेक्ट के साथ कई अन्य महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई। सीएम के इस फैसले से सूबे के 24 गांव के भूजल स्तर को उठाने में काफी मदद मिलेगी। सरकार के इस फैसले से हजारों किसानों को फायदा होगा।
शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं में बसे पंचकूला के मोरनी क्षेत्र के किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हरियाणा सरकार ने मोरनी क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई की एक बड़ी परियोजना लगाने का निर्णय लिया है। लगभग 20 करोड़ रुपए की लागत से क्रियान्वित होने वाली इस परियोजना से लगभग 1280 एकड़ क्षेत्र को सिंचाई का लाभ होगा। इसके अलावा, बैठक में लगभग 87 करोड़ रुपए से अधिक की खरीद व कॉन्ट्रेक्ट को मंजूरी दी गई।
बैठक में गुरुग्राम जिला में गांव बास पदमका से सिवारी तक इंदौरी नदी का पुनर्उद्धार की परियोजना को भी मंजूरी दी गई। इस पर लगभग 20 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत आएगी। इसके अलावा, सिंचाई विभाग की लगभग 10 करोड़ रुपए से अधिक की एक ओर परियोजना को मंजूरी दी गई। इसके तहत, लाखन माजरा लिंक ड्रेन पर वीआर पुलों का पुन: निर्माण किया जाएगा।
बैठक में आदमपुर में 2 इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन बनाने के साथ ही सीवरेज नेटवर्क सिस्टम स्थापित करने के प्रोजेक्ट को भी मंजूरी प्रदान की गई। इस पर लगभग साढ़े 34 करोड़ रुपए की लागत आएगी। बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) देवेंद्र सिंह, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल और आपूर्ति एवं निपटान विभाग के महानिदेशक मोहम्मद शाइन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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