प्लास्टिक बैग हमारे पर्यावरण के लिए खतरा: डॉ आरती

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स्कूल ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस

बच्चों ने बनाये पेपर और कपडे के सुंदर बैग

Bhiwani Halchal 03 July 2021 :प्लास्टिक के बैग पूरे विश्व के लिए एक चुनौती बन चुके हैं। प्लास्टिक की थैलियां खत्म होने में 100-500 साल तक लेती हैं। और इसका हमारे पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ये विचार विद्यांतरिक्ष सीनियर सेकेंडरी स्कूल, भिवानी की संस्थापक डॉ आरती ने आज अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस के अवसर पर स्कूल के बच्चों को सम्बोधित करते हुए वयक्त किये। उन्होंने कहा कि 2008 में इस दिन की शुरुआत ज़ीरो वेस्ट यूरोप संस्था द्वारा की गयी थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य ये भी है कि प्लास्टिक की थैलियों से समुद्री जीवन, पशु जीवन और प्रकृति पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव, खतरों और नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। डॉ आरती ने बताया कि स्कूल के बच्चों ने कपडे और कागज़ के बहुत सुंदर बैग अपने घर पर बनाएं हैं। स्कूल की मैनेजमेंट, प्रधान अरुण मेहता, उप-प्रधान देवेंदर दहिया, सचिव अशोक शर्मा, डायरेक्टर अमित डागर ने बच्चों द्वारा बनाये गए बैग देखे और उनकी सराहना की। बच्चों को प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए डॉ आरती ने कहा कि विश्व में लगभग 90 प्रतिशत प्लास्टिक केरी बैग सिर्फ एक बार प्रयोग होते हैं। उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि वे अपने पेरेंट्स को कपडे के बैग इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि जब भी आपके मम्मी-पापा बाजार जाते हैं तो उन्हें कपडे का बैग साथ ले जाने के लिए कहें। यदि आप साथ जाते हैं तो आप ध्यान रखें कि जहाँ तक सम्भव हो आपको प्लास्टिक की थैली में सामान न लेना पड़े। प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल खत्म करने का सबसे बेहतर तरीका है कि उन्हें अपने घर में आने से ही रोक दिया जाये। तभी हम इनका प्रयोग बंद करेंगे। डॉ आरती ने बच्चों को प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल कम से कम करने की शपथ भी दिलवाई।