Haryana Jobs: हरियाणा के इन बस स्टैंड पर जल्द निकलेगी 244 पदों पर भर्ती! ऐसे युवा कर पाएंगे आवेदन

2749
SHARE
Haryana Jobs:

हरियाणा के कुरुक्षेत्र और झज्जर की रोडवेज वर्कशॉप में इन दिनों कर्मचारियों की भारी कमी है। इस कारण बसों की सही तरीके से मरम्मत नहीं हो पा रही है और ये बसें बीच सड़क पर खड़ी हैं। इसका खामियाजा आम यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। वर्कशॉप में 165 कर्मचारियों की जरूरत है, लेकिन 114 पद खाली हैं। इसी तरह झज्जर में भी 165 कर्मचारियों की जरूरत है, लेकिन 130 पद खाली हैं।

हरियाणा रोडवेज बस रेवाड़ी कई पद खाली हैं

झज्जर बस स्टैंड और वर्कशॉप प्रदेश में सबसे बड़ी है। कुरुक्षेत्र वर्कशॉप में सबसे ज्यादा 48 मैकेनिक, 36 हेल्पर, 18 टायरमैन और 11 कारपेंटर के पद खाली हैं, जबकि झज्जर जिले की वर्कशॉप में मैकेनिक और इलेक्ट्रिशियन के सबसे ज्यादा 50 से ज्यादा पद खाली हैं। इसी तरह सब डिपो बहादुरगढ़ में भी कर्मचारियों की कमी है। वर्ष 1992 के बाद मैकेनिक व हेड मैकेनिक समेत मुख्य पदों पर कोई भर्ती नहीं हुई है। वर्ष 2018 में सिर्फ ग्रुप डी की भर्ती हुई थी। इसमें भी उच्च योग्यता वाले बच्चों का चयन हुआ था।

आईटीआई पास छात्रों की मदद से बसों की मरम्मत

वे बसों के नट-बोल्ट खोलने से भी दूर रहते हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ टायरमैन के पदों पर महिला कर्मचारियों को लगाया गया है, जबकि वे बसों के टावर खोलने व उन्हें उठाने में सक्षम नहीं हैं। यही कारण है कि डिपो में बसों की मरम्मत अब आईटीआई पास बच्चों की मदद से हो रही है। यहां तक कि कुछ पदों पर कर्मचारियों की पदोन्नति भी हो गई है। इस कारण भी मूल पद रिक्त होते जा रहे हैं।

आईटीआई पास युवाओं को विभाग द्वारा एक वर्ष के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। रोडवेज कर्मचारियों की मानें तो पहले बसों की दिन-रात मरम्मत होती थी। यदि किसी रूट पर रात में कोई बस खराब हो जाती है तो उसकी सर्विस अगले दिन की जाती है।

कर्मचारियों की कमी : प्रबंधक

कुरुक्षेत्र वर्कशॉप प्रबंधक समिंदर सिंह ने बताया कि वर्कशॉप में कर्मचारियों की भारी कमी है। इसके लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। आईटीआई पास युवाओं को 1 साल की ट्रेनिंग पर रखा जाता है। अगर कर्मचारियों की भर्ती हो जाए तो काफी सुविधा मिलेगी।

सरकार को भेजी तकनीकी कर्मचारियों की डिमांड

झज्जर परिवहन विभाग महाप्रबंधक संजीव तिहाल ने बताया कि काफी समय से तकनीकी पदों पर भर्ती नहीं हुई है। बसों की संख्या 165 है, इसलिए इतने ही तकनीकी कर्मचारियों की जरूरत है। इस बारे में सरकार को डिमांड भेजी गई है। अभी 100 बसें हैं जो नई हैं और इनके रखरखाव के लिए अभी 4-5 साल का समय है।