जिनकी घरवाली नहीं सुनती, वह किसान नेता बने हुए हैं-मंत्री जेपी दलाल

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 भिवानी।

किसान नेताओं को लेकर कृषि मंत्री जेपी दलाल के विवादित बोल सामने आए हैं। मंत्री दलाल कह रहे हैं कि जिनकी घरवाली तक उनकी नहीं सुनती है, उन्होंने किसानों का ठेका ले रखा है। मैं सबको जानता हूं। किसी पर 5 मुकदमें, किसी पर 3 मुकदमे हो रखे हैं। उल्टे उल्टे काम कर रहे है।

मंत्री के इस बयान का विरोध शुरू हो गया है। जनवादी महिला समिति ने कृषि मंत्री जेपी दलाल के महिला विरोधी बयान की कड़ी आलोचना की है। और मांग की है कि वे अपने घटिया व बेहूदा बयान को तुरंत वापस लें और जनता से माफी मांगे। पंचकूला में हुए संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की अगुआई वाले महापड़ाव में हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल के बयान की कड़ी भर्त्सना करते हुए किसानों से माफी मांगने को कहा गया।

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने क्या कहा…
मंत्री जेपी दलाल के सामने आए वीडियो में उन्होंने कहा-”अब मैं बोलूंगा तो कहेंगे कि उल्टा बोलता है। उनकी घरवाली उनकी नहीं मानती और ठेका किसानों का ले रखा था। सबको अच्छे से जानता हूं। किसी पर 5 मुकदमे, किसी पर 2 मुकदमे। उल्टे-उल्टे काम कर रहे। किसी की बहू भाग गई, निपटारा कुछ नहीं हुआ और ठेका तुम्हारा ले रहे।

मेरे पास गए थे, कहा कि हमें अपने साथ मिला लो। मैंने भी साफ कह दिया कि तुम्हें अपने साथ नहीं लेने वाला। आपको भी पता है ये, कि मैं बोले बिना नहीं रहता। भाई क्यों, कुछ ले के खा रहा हूं, क्यों न बोलूं। मुझे डर नहीं लगता, इस चीज का। मुझे चिंता ये है कि ये शोषण करने वाले, किसान काे थाना तहसील करने वाले, किसान को गुमराह करने वाले, अगर मैं इनसे झुक गया तो मेरा राजनीति करने का मकसद ही खत्म हो जाएगा।

मैं भी आपका, ये कलम भी आपकी, पैसा भी आपका, ताकत भी आपकी, ये कलम किसानों के खिलाफ नहीं चलेगी। हरियाणा सरकार हर समय ये कोशिश करती है कि किसान के हित में काम हों।”

जनवादी महिला समिति बोली- मंत्री की निम्नस्तरीय भाषा
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जनवादी महिला समिति की राज्य अध्यक्ष सविता व महासचिव उषा सरोहा ने कहा कि हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कल किसान आंदोलन व उसके नेतृत्व के बारे में बोलते हुए बेहूदगी की सारी हदें पार दी। उन्होंने ना केवल किसान नेताओं बल्कि महिलाओं के बारे में अत्यंत निम्न स्तरीय भाषा का इस्तेमाल किया है। उनका बयान उनकी ओछी मानसिकता को उजागर करता है। महिलाओं को अपमानित करने वाले ऐसे विरोधी बयानों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

इन मांगों को लेकर था किसानों का महा पड़ाव
हरियाणा के किसानों की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, बिजली बिल संशोधन की वापसी, फसल खराबे के मुआवजे, पोर्टल की समस्याओं, क़र्ज़ मुक्ति आदि मुद्दों पर और ट्रेड यूनियनों की ओर से न्यूनतम वेतन बढ़ोतरी, स्थाई काम के स्थाई रोजगार, ठेका संविदा कर्मियों की रेगुलराइजेशन , पुरानी पेंशन बहाली,ग्रामीण सफाई कर्मचारी हड़ताल व लेबर कोड को लेकर तीन दिवसीय महापड़ाव शुरू किया गया था। इसमें सूबे के 15 किसान संगठन शामिल हुए थे।

11 को किसान करेंगे हिसार में मीटिंग
राजभवन में गवर्नर से मिले आश्वासन के बाद किसानों ने महापड़ाव समाप्त कर दिया है। अब वह 11 दिसंबर को हिसार में मीटिंग में मीटिंग करेंगे। प्रतिनिधिमंडल की ओर से किसान मोर्चा हरियाणा के वरिष्ठ नेता मास्टर बलबीर सिंह ने बताया कि 2 सप्ताह तक वह कार्रवाई की प्रतीक्षा करेंगे और 11 दिसंबर को हिसार में संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग करके आगे की रणनीति बनाएंगे। इसके साथ ही तीन दिवसीय महापड़ाव का समापन किया गया है।

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