भिवानी :
जिला न्यायालय भिवानी के सेशन जज दीपक अग्रवाल की अध्यक्षता में सभी न्यायिक अधिकारी गणों ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ते हुए शपथ ली। जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल ने बताया कि भारतीय संविधान की शक्ति उसके उद्देश्य, उसमे वर्णित सामाजिक, आर्थिक न्याय की परिकल्पना समझने का इससे अच्छा अवसर कोई नहीं हो सकता। ऐसे तो हम रोज संविधान के प्रावधानों के तहत ही काम करते हैं परंतु वर्ष में एक दिन ऐसा भी होता है। जिसमें हम अपने संविधान के प्रति निष्ठा प्रकट करने के लिए एक जगह एकत्रित होते हैं। इसी कारण आज हम सभी न्यायाधीशों ने संविधान की शपथ ली है और उसके प्रस्तावना को पढा है। उन्होंने सभी न्यायिक अधिकारी गणों को संविधान के प्रावधानों के अनुरूप कार्य करने की अपील की। इस अवसर पर जिला न्यायालय के सभी न्यायिक अधिकारी उपस्थित करें। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल के मार्गदर्शन में, प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कपिल राठी अध्यक्षता में एडीआर सेंटर के सभागार में पैनल अधिवक्ताओ, विधिक स्वयं सेवको, सक्षम युवाओ सहित डीएलएसए स्टाफ को संविधान की प्रस्तावना को पढ़ते हुए शपथ दिलाई गई। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कपिल राठी ने भारतीय संविधान को देश की आत्मा बताते हुए कहा कि हमारे देश का संविधान दुनिया के सबसे बड़े संविधान में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत में हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया जाता है।
देश में इस वर्ष 8वां संविधान दिवस 2021 मनाया जा रहा है। भारतीय संविधान दिवस को राष्ट्रीय संवैधानिक दिवस और राष्ट्रीय कानून दिवस भी कहा जाता है। डॉ भीमराव अम्बेडकर ने भारतीय संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। डॉ बीआर अम्बेडकर भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसके निर्माण में 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान राष्ट्र को समर्पित किया गया और 26 जनवरी 1950 में इसे लागू किया गया। इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। उन्होंने कहा कि संविधान भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, गणतंत्र घोषित करता है। यह भारतीय नागरिकों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता की गारंटी देता है और बंधुत्व को बढ़ावा देने का प्रयास करता है। भारत का संविधान सरकारी निकायों के राजनीतिक कोड, संरचना, प्रक्रिया, शक्तियों और कर्तव्यों के लिए रूपरेखा तैयार करता है और देश के प्रति नागरिकों के मौलिक अधिकार, मूल सिद्धांत और कर्तव्य प्रदान करता है। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का स्टॉफ, पैनल अधिवक्ता, विधिक स्वयं सेवको, सक्षम युवा, समझौता सदन के अधिवक्ता मौजूद रहे।
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