अंबाला ।
तीन दिनों तक हुई आफत की बारिश से 7 जिलों में हालात खराब हो गए हैं। अंबाला में बाढ़ ने रेलवे लाइनों को भी नुकसान पहुंचाया है। बारिश के कारण विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल सेक्शन पूरी तरह से प्रभावित है। रेल मार्ग पर पेड़ और मलबा गिरा हुआ है, जिसके बाद इस रूट पर 16 जुलाई तक कोई ट्रेन नहीं चलेगी। उधर, अंबाला-न्यू सहारनपुर रूट पर घसीटपुर के पास रेलवे लाइन के नीचे से जमीन खिसक गई है।
करनाल के इंद्री ब्लॉक में गढ़पुर टापू का यमुना बांध अब तक ठीक नहीं हुआ था कि मंगलवार देर रात करीब 1 बजे गांव समसपुर के पास एक और बांध टूट गया। इस बांध के टूटने से कई और गांवों में पानी पहुंच गया है। यमुना से सटे करीब 36 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। नावों से लोगों तक राहत सामग्री भेजी जा रही है।
वहीं पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कुरूक्षेत्र, कैथल और पानीपत जिलों के 239 गांव ऐसे हैं, जहां अभी भी बारिश का पानी भरा हुआ है। यहां 1857 लोग फंसे हुए हैं, हालांकि NDRF-SDRF ने मोर्चा संभाला हुआ है।
पानीपत और अंबाला में हालातों को काबू करने के लिए केंद्र सरकार की और से मदद दी जा रही है। इसके अलावा इन जिलों में पहले से NDRF के जवान राहत एवं बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आज पानीपत और अंबाला दौरा पर रहेंगे। पानीपत में इंडियन ऑयल पानीपत रिफाइनरी के रजत जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेंगे। वहीं अंबाला में औसत से अधिक बारिश के चलते पैदा हुए हालातों की जिला प्रशासन के साथ समीक्षा भी करेंगे।
हरियाणा के डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला अंबाला के बाढ़ग्रस्त गांवों का जायजा लेने ट्रैक्टर से पहुंचे। जहां उन्होंने आर्मी और NDRF से हालात की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जहां नाव से जाना संभव नहीं, वहां हेलिकॉप्टर से राशन व जरुरी सामान घरों की छतों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर बुलाकर दिए कड़े निर्देश, लापरवाही बरतने वालों को माफ नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए।
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